उत्तराखंड की रहस्यमयी देवी Dhari Devi Mandir Story in Hindi | Things to do

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dhari devi mandir story in hindi दोस्तों इस ब्लॉग में आपको एक ऐसे रहस्य और प्राचीन मंदिर के बारे में बताने वाला हूँ | जिसे जानकर आप भी चौक जाओगे |

जैसे की आप जानते है | भारत में रहस्यमय और प्राचीन मंदिरों की कोई कमी नहीं है। कुछ ऐसा ही एक मंदिर उत्तराखंड के श्रीनगर से करीब 14 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। हर दिन एक चमत्कार होता है | जिसे देखकर लोग हैरान रह जाते हैं। dhari devi kahani kya hai

Dhari Devi Mandir Story उत्तराखंड की रहस्यमयी देवी

Dhari Devi Mandir story in hindi धारी देवी मंदिर में काली माता की मूर्ति दिनभर में  तीन बार अपना प्रतिरूप बदलती है। मूर्ति सुबह में समय एक बाल कन्या की रूप में दिखाई देती है | दोपहर होते होते इस मूर्ति प्रतिरूप एक युवती और शाम को एक बूढ़ी महिला की तरह नजर आती है। मूर्ति के साथ होने वाला बदलाव को देख लोग हैरत में पड़ जाते हैं।

यह मंदिर धारी देवी के रूप में प्रसिद्ध है | धारी देवी मंदिर अलकनदा नदी के ठीक बीचों-बीच स्थित है। इस मंदिर में देवी काली की मूर्ति स्थापित है | यहाँ के लोगो की ऐसी मान्यता है | मां धारी देवी चारधाम और उत्तराखंड की संरक्षण देवी के रूप में यह पर स्थित है |

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history of Dhari Devi Mandir Story in Hindi| इतिहास धारीदेवी मंदिर का

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एक पौराणिक कथा old story of dhari devi in hindi के अनुसार एक बार भीषण बाढ़ से मंदिर बह गया था। धारो गांव के पास एक चट्टान से टकराकर रुक गया। ऐसी मान्यता है | जिसके बाद, “धरो” गांव के लोगों ने देवता की दिव्य आवाज सुनी और उन्होंने देवी काली की मूर्ति को उस स्थान पर स्थापित कर दिया, जहां मंदिर मौजूद है।

इस घटना के बाद इसे धारी देवी मंदिर dhari devi temple के नाम से जाना जाता है। पुजारियों की मानें तो मंदिर में मां धारी की प्रतिमा द्वापर युग से ही स्थापित थी।

आदि गुरु शंकराचार्य | Adi Shankara 

एक अन्य कथा में कहा गया है कि जब आदि गुरु शंकराचार्य (Adi Shankara )एक अभियान के लिए गए, तो उन्होंने इस क्षेत्र में कुछ आराम किया और पूजा की। अगर यह सच है तो संभावना है कि यह मंदिर द्वापरयुग युग का है। पुजारियों ने मूर्ति को खुले आसमान में रख दिया है। भक्तों का मानना ​​है कि देवी की मूर्ति को छत के नीचे नहीं रखना चाहिए। dhari devi story kya hai

स्थानीय लोगों के मुताबिक मां धारी के इस मंदिर को साल 2013 में तोड़ दिया गया था | और  उनकी मूर्ति को उनके मूल स्थान से हटा दिया गया था | इसी वजह से उस साल उत्तराखंड में भयानक बाढ़ आई थी | जिसमें लाखों की संख्या में लोग मारे गए थे।

माना जाता है कि धारा देवी की प्रतिमा को 16 जून 2013 की शाम को हटाया गया था | और उसके कुछ ही घंटों बाद राज्य में आपदा आई थी। बाद में उसी जगह पर फिर से मंदिर का निर्माण कराया गया। dhari devi mandir story in hindi

Festivals Celebrated in धारी देवी ?

दशहरा इसे विजयदशमी भी कहा जाता है | यह एक प्रमुख हिंदू त्योहार hindu festivals है। जो बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव बतात है। जिस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया और शांति और समृद्धि की स्थापना की। एक अनुष्ठान के रूप में, भक्त रावण का पुतला जलाते हैं। dhari devi mandir ki aarti ka samay

दीपावली यह भारत में मनाए जाने वाले सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। क्योंकि यह त्योहार अंधकार पर प्रकाश की, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

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कार्तिका पूर्णिमा यह एक हिंदू, सिख और जैन सांस्कृतिक त्योहार है | जो पूर्णिमा (पूर्णिमा) के दिन या कार्तिक के पंद्रहवें चंद्र दिवस पर मनाया जाता है।

नवरात्रि या दुर्गा पूजा नवरात्रि पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। किंवदंती के अनुसार, देवी दुर्गा ने दुनिया को बचाने और धर्म को बहाल करने के लिए राक्षस राजा महिषासुर को हराया था।

धारीदेवी मंदिर कैसे पहुँचए | How to reach Dhari devi mandir

सड़क मार्ग: हरिद्वार और ऋषिकेश से कई बस अथवा टैक्सी द्वारा धारी देवी पंहुचा जा सकता है। धारी देवी मंदिर हरिद्वार से लगभग 145 किमी दूर है | हरिद्वार से धारी देवी जाने के लिए आपको सरकारी बस यह प्रिवेट टैक्सी मिल जाएगी | जिसमें बस का किराया 250 रुपए और टैक्सी का 300 रुपए है | delhi to rishikesh taxi services

यह फिर आप केदारनाथ यह बद्रीनाथ जा रहे होंगे | तो रस्ते में आपको धारीदेवी मंदिर दिखाई देता है | आप रुक कर भी मंदिर के दर्शन कर सकते हो | kedarnath temple kab jaye

ट्रेन मार्ग द्वारा:  ऋषिकेश, हरिद्वार और देहरादून सभी जगह रेलवे स्टेशन हैं। धरीदेवी से निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश जो (लगभग 119 किमी) दूर है। देहरादून से धरीदेवी के लिए बस/टैक्सी से पहुंचा जा सकता है। देहरादनू से धरीदेवी 156 किलो मीटर की दूरी पर हैं |

वायु मार्ग द्वारा:  निकटतम हवाई अड्डा देहरादून में जॉली ग्रांट एयरपोर्ट है | jolly grant airport, dehradun जो धारीदेवी से लगभग 145 किमी दूरी पर है। देहरादून हवाई अड्डे से धारीदेवी तक टैक्सी तथा बस सेवाएँ उपलब्ध हैं। Airport route to Dhari devi mandir 

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धारीदेवी जाने का सबसे अच्छा समय  | Best time to visit dhari devi mandir

धारीदेवी आने के लिये नवम्बर से जून के मध्य का समय अच्छा माना जाता है क्योंकि इस दौरान मौसम काफी सुखद रहता है। ‌और यह पुरे साल मंदिर खुला  रहता है | मंदिर में दर्शन दर्शन की समय सुबह 6:00 am to 12:00 pm बजे तक और दोपहर के 2:00 pm to शाम के 7:00 pm तह रहता है | aarti ki timing dhari devi mandir

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