top 10 tourist places In tamilnadu | 10 शीर्ष पर्यटन स्थल इन तमिलनाडु दोस्तो में आज आपको इस ब्लॉग में तमिलनाडु के 10 शीर्ष पर्यटन स्थल के बारे में बनते वाला हूँ | top 10 tourist places in tamilnadu hindi
मीनाक्षी मंदिर | Meenakshi Temple In Tamilnadu
तमिलनाड़ु में मदुरै शहर में स्थित सबसे पुराना मंदिर, मीनाक्षी मंदिर है | meenakshi temple in hindi यह मंदिर लगभग 2500 साल से भी ज्यादा पुराना है | इस मंदिर को वैगई नदी के दक्षिणी तट पर स्थित शहर जितना पुराना है | उतना ही पुराना मीनाक्षी मंदिर माना जाता है | Top 10 Tourist Places In TamilNadu
मीनाक्षी मंदिर भगवान शिव की पत्नी देवी पार्वती का अवतार है। meenakshi temple information इस मंदिर को मीनाक्षी सुंदरेश्वर के रूप में भी जाना जाता है | एक तरीके से इस मंदिर की वास्तुकला और शैली है| कि इसको ‘दुनिया के सात अजूबों’ में गिना जाता था। Top 10 tourist places in TamilNadu in hindi

मीनाक्षी मंदिर का इतिहास | History of Meenakshi Temple
पुरानी किंवदंती के अनुसार कहा जाते हैं | inside meenakshi temple कि मीनाक्षी मंदिर के साथ-साथ शहर का उदय उसी समय हुआ था। लेकिन यह कहा जाता है | भगवान इंद्र ने एक राक्षस को मारने के बाद, उस पाप से मुक्त होना चाहते थे | इसलिए उन्होंने पृथ्वी पर आकर तपस्या की। लेकिन जब उन्होंने पांड्य भूमि में कदंब के वृक्षों को पार किया | तब उन्हें भारी पछतावे से मुक्ति मिली। best places to visit tamilnadu
मंदिर खुलने और आरती का समय | Meenakshi Temple Open Timiing
मंदिर सुबह 5:00 बजे से दोपहर 12.30 बजे तक, शाम 4:00 बजे से रात के 9:30 बजे तक खुला रहता है |
मीनाक्षी मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय | Best time to Visit Meenakshi Temple
वैसे भक्त अप्रैल के समय मंदिर की यात्रा करते है | लेकिन मंदिर जाने का अच्छा समय दिसंबर से फरवरी के बीच का महीना माना जाता है।
पहुँचने के लिए कैसे करें | How to Reach Meenakshi Temple
मंदिर तक जाने के लिए आपको पेरियार से बस मिलती है | वहाँ से मंदिर से 1.3 किमी दूर है। मंदिर तक पहुँचने के लिए टैक्सी और ऑटो मिल जाते है |
Maha Shiva Adiyogi | आदियोगी शिव
आदियोगी शिव की मूर्ति भारत की सबसे बड़ी मूर्ति है | जो कोयम्बटूर में है | कोयम्बटूर सच में तमिलनाडु के यात्रियों के लिए एक खजाना है। यह शहर कई खोज योग्य रत्नों का घर है | goddess meenakshi उनमें से एक आदियोगी शिव प्रतिमा है। जो हिंदू देवता भगवान शिवजी को समर्पित है। यह कोयम्बटूर में ईशा फाउंडेशन के कॉम्प्लेक्स में स्थित है | आदियोगी शिव, मूर्ति को स्टील के 500 पत्थरों से तराशा गया है | जो112 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह पश्चिमी घाट के वेल्लियांगिरी पर्वत की तलहटी में हरे-भरे खेतों से घिरा हुआ है | meenakshi devi temple
आदियोगी दिव्य दर्शनम | Adiyogi Divya Darshanam
आदियोगी दिव्य दर्शनम 14 मिनट का एक 3डी लेज़र शो है | जो आदियोगी की कहानी बताता है | सद्गुरु की आवाज़ में योग के विज्ञान से मनुष्य का परिचय कैसे कराया गया | इसकी कहानी भी बताता है। meenakshi sundareswarar temple
आदियोगी नाम का ये है अर्थ | This is the meaning of the name Adiyogi.
जिसका अर्थ है पहला योगी। भगवान शिव ने ही सबसे पहले योग की शुरुआत की थी। इसको पूरी तरह से ईशा इंजीनियरिंग विभाग की देख रेख में बनाया गया है।
आदियोगी कैसे पहुंचे -आदियोगी शिव मंदिर कोयंबटूर शहर से करीब 30 किमी दूर स्थित्त है। आप यहां लोकल बस से भी जा सकते हैं | यहाँ तक पहुंचने के लिए एक प्राइवेट टैक्सी भी मिलती है |
3. Brihadeeswara Temple | बृहदेश्वर मंदिर
बृहदेश्वर मंदिर (पेरुवुदैयार कोविल) एक हिंदू मंदिर है | brihadeeswara temple in hindi जो भारतीय राज्य तमिलनाडु के तंजावुर में स्थित शिवजी को समर्पित है। इस मंदिर को कई नामो से जाना जाता है | जैसे पेरिया कोविल, राजाराजेश्वर मंदिर और राजराजेश्वरम यह भारत के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है | brihadeeswarar temple timings यह मंदिर चोल काल के दौरान द्रविड़ वास्तुकला का एक बेस्ट उदाहरण है।इस मंदिर का निर्माण सम्राट राजा चोल ने सं 1010 ईस्वी में करवाय था | मंदिर 2010 में लगभग 1000 साल पुराना हो गया था | मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल का शामिल किया गया है | जिसे “ग्रेट लिविंग चोल मंदिर” के रूप में जाना जाता है | about brihadeeswarar temple
बृहदेश्वर मंदिर कैसे पहुंचे | How to Reach Brihadeeswara Temple
हवाई द्वारा: भारत के सभी प्रमुख शहरों से त्रिची के लिए उड़ानें उपलब्ध होती हैं। हवाई अड्डे के बाहर से ही तंजौर के लिए सरकारी बस में टैक्सी चलती है।
रेल द्वारा: भारत के कई हिस्से से ट्रैन चलती है | बृहदेश्वर मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन विल्लुपुरम (76 किमी) और काटपाडी (65 किमी) हैं। वहाँ से कई टैक्सी यह बस मिल जाती है |
सड़क द्वारा: तिरुवन्नामलाई दक्षिण भारत के सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप तिरुवन्नामलाई को बस या कार के माध्यम से आसानी से जोड़ सकते हैं।
4. मरीना बीच | Marina Beach In Tamilnadu
चेन्नई शहर के दिल की धड़कन कहे जाने वाला मरीना बीच एक आकर्षक का केंद्र है | मरीना बीच को दुनिया के सबसे बड़े शहरी समुद्र तटों में से एक में एक गिना जाता है। यह बीच लगभग 13 किमी लंबा शहरी समुद्र तट है। चेन्नई के मरीना बीच पर हर दिन लगभग 30,000 से अधिक पर्यटक आते है | Marina Beach in tamilndau
चेन्नई की यह जग़ह बड़ी व्यस्त जग़हो में से एक है | मरीना बीच वहाँ के लोकल लोग और पर्यटकों के लिए सप्ताह बिताने के लिए एक अच्छा स्थान पर गया है | चेन्नई शहर पर्यटन स्थल साथ अपने अतीत के लिए भी प्रसिद्ध है। मरीना बीच भारत के स्वतंत्रता आंदोलन और सामाजिक समारोहों तथा सार्वजनिक बैठकों के लिए एक प्रमुख स्थान रहा है |
मरीना बीच | Marina Beach In Activities
मरीना बीच पर कई मुख्य गतिविधियाँ हे करने के लिए । स्कूबा ड्राइविंग, साईकिलिंग, बॉलीवाल, चेपक पैलेस, सीनेट हाउस और भी कई गतिविधियाँ है |
5. रामनाथस्वामी मंदिर | Rameshwaram Temple in Tamilnadu
भगवान, श्री राम का निवास स्थल का नाम सभी सम्मान और विनम्रता के साथ संबोधित करते है | यह स्थन भक्तों के लिए स्वर्ग जाने के सामान है। भक्त अपने लिए मोक्ष की खोज मेंवाराणसी और रामेश्वरम इन दोनों तीर्थस्थल की यात्रा करते है | महाकाव्य ‘रामायण’ में भी इन स्थानों का वर्णन है | इन लोककथाओं में भगवान, श्री राम के 14 साल के वनवास के और इन मंदिर का पूरा उल्लेख है।
History and Architecture of Sri Ramanathaswamy Temple
श्री रामनाथस्वामी मंदिर का प्राचीन मंदिर 12वीं शताब्दी में एक विनम्र फूस की झोपड़ी में था। उसके बाद सेतुपति शासकों द्वारा मंदिर के निर्माण के लिए ठोस कदम उठाये गऐ था। मंदिर में प्रमुख निर्माण 12वीं से 16वीं शताब्दी के दौरान विभिन्न शासनकालों के दौरान किया गया था। लगभग 13वीं शताब्दी में, इस मंदिर के गर्भगृह के निर्माण के लिए कोनेश्वरम मंदिर, त्रिंकोमाली से पत्थर के ब्लॉक भेजे गए थे।
रामेश्वरम मंदिर खुलने का समय | Rameshwaram Temple opening timing
रामेश्वरम मंदिर के नाम से प्रसिद्ध श्री रामनाथस्वामी मंदिर का खुलने का समय सुबह 5 बजे से दोपहर के 1 बजे तक और शाम को यह दोपहर 3 बजे से रात में 9 बजे तक खुलता रहता है। यह मंदिर सप्ताह के सभी दिनों में खुलताहै।
हवाईजहाज: रामेश्वरम का निकटतम हवाई अड्डा मदुरै अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है | जो वँहा से लगभग 150 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। मदुरै हवाई अड्डे के बाहर से कई टैक्सी और सार्वजनिक परिवहन मिल जाते है | जो आपको रामेश्वरम तक छोड़ देंगे हैं | यह फिर तमिलनाडु की सरकरी की बस में सवार हो कर रामेश्वरम जा सकते है |
रेल द्वारा: भारत के सभी प्रमुख शहरों से रामेश्वरम के लिए ट्रेनें चलती हैं। रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी 2 से 3 किलोमीटर की है |
सड़क द्वारा: रामेश्वरम सभी प्रमुख शहरों जुड़ा हुआ हैं। और रामेश्वरम के लिए लगातार बसे हर थोड़ी देर में चलती है | यह फिर अपने पर्सनल गाड़ी से भी जा सकते है | मंदिर के लिए बस स्टैंड से ऑटो-रिक्शा मिल जाते है।
6. डोड्डाबेट्टा चोटी | Doddabetta Peak
ब्लू माउंटेंस के बीच बसा ऊटी का खूबसूरत शहर अपने पोस्टकार्ड चित्र परिपूर्ण सुंदरता को देखने के लिए पर्यटकों को आकर्षित करता है। ऊटी नीलगिरी ब्लू माउंटेन के रूप में बहुत अधिक लोकप्रिय हैं | क्योंकि ऐसा कहा जाता है | कि यह 12 साल में एक बार खिलने वाले कुरिंजी नीले फूलों की नीली धुंध से ढका जाता है। doddabetta peak trekking
डोड्डाबेट्टा चोटी से देखें
बांदीपुर नेशनल पार्क के जंगलों और मैसूर के खुले मैदान के अद्भुत दृश्यों का देखने का आनंद ही कुछ और है। ऊंचे शिखर और घाटियों को प्राकृतिक ने पूरी तरह ढका हुआ है |
डोड्डाबेट्टा चोटी तक कैसे पहुंचे | How to Reach Doddabetta Peak
डोड्डाबेट्टा पीक ऊटी के पश्चिमी घाट और पूर्वी घाट के जंक्शन पर स्थित है | जिसे 4-रोड चौराहे के रूप में भी जाना जाता है | क्योंकि यह से चार अलग-अलग दिशाओं का रास्ता निकलता है। डोड्डाबेट्टा चोटी ऊटी से 9 लगभग किमी दुरी पर स्थित है। कोटागिरी की ओर यात्रा करके इस चोटी तक पहुँचा जा सकता है | doddabetta is the highest peak of
डोड्डाबेट्टा तक मुख्य द्वार तक रास्ता थोड़ा संकरा है। यहां से आप चोटी तक पहुंचने के लिए रास्ता ले सकते हैं। ऊटी से डोड्डाबेट्टा के लिए कई बसें और निजी टैक्सियाँ भी चलती हैं। डोड्डाबेट्टा ऊटी रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से केवल 9 किमी और कोयम्बटूर हवाई अड्डे से करीबन 95.5 किमी दुरी पर है। doddabetta nearest bus stand
डोड्डाबेट्टा चोटी पर जाने का समय, प्रवेश शुल्क | Doddabetta Peak Enter fee & Timing
डोड्डाबेट्टा चोटी पर सुबह 9:00 बजे से शाम को 6:30 बजे तक जा सकते हैं। डोड्डाबेट्टा चोटी का प्रवेश शुल्क 6 से 5 वर्ष के कम उम्र के बच्चों के लिए कोई प्रवेश शुल्क नहीं है। doddabetta weather
इस पीक पर आप कैमरा लेकर जाते हो | तो उसका किराया 10 रुपये और वीडियो कैमरा के लिए 50 रुपये होंगे। doddabetta peak enter fee
7. Nilgiri Mountain Railway Line |नीलगिरि माउंटेन रेलवे
तमिलनाडु में सबसे प्रसिद्ध हिल स्टेशन ऊटी अपने नीलगिरि माउंटेन टॉय ट्रैन के लिए पुरे भारत वर्ष में फेमस है | ब्रिटिश युग के दौरान इस महत्वपूर्ण शहर को दक्षिण भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक बनने का सफ़र तय किया है। पुराने काल में ऊटी को नाम ऊटकमुंड या उधगमंडलम से मिला है | ऊटी को “ब्लू माउंटेन” या “पहाड़ों की रानी” के रूप में भी जाना जाता है।
साल भर सुहावना और खूबसूरत मौसम तथा प्रसिद्ध चाय, कॉफी के बागान और अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता का उल्लेख ना करना गलत होगा | ऊटी में इसे पूरे वर्ष पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है | नीलगिरी माउंटेन रेलवे इसे पुरे सफ़र को सुविधाजनक बनाने में एक प्रमुख भूमिका निभाते हैं।
नीलगिरि माउंटेन रेलवे घूमने का अच्छा समय – Best time to visit Nilgiri Mountain Railway in Hindi
नीलगिरि माउंटेन रेलवे पर घुमने के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से जून माना जाता है। जहां पूरे भारत में गर्मी होती है | वहीं ऊटी में उस समय का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं रहता है। लेकिन जुलाई और सितंबर के बीच यहां भारी वर्षा होती है |
नीलगिरि माउंटेन रेलवे कैसे पहुंचे – How To Reach Nilgiri Mountain Ooty in Hindi
वैसे तो ऊटी जाने के लिए हवाई जहाज, ट्रेन और रोड मार्ग का विकल्प उपलब्ध हैं | लेकिन ज्यादातर पर्यटक सड़क मार्ग से ऊटी की यात्रा करते हैं | क्योंकि ऊटी जाते समय यह की सुंदरता और मनोरम दृश्य सब का मन मोह लेते हैं। लेकिन आप अपने अनुसार यहाँ किसी भी माध्यम से ऊटी आ सकते हैं।
8. Kodaikanal Lake in Tamilnadu
तमिलनाडु राज्य में डिंडीगुल जिले में कोडाईकनाल झील स्थित है। kodaikanal lake in hindi जो कोडाइकनाल को “हिल स्टेशनों की राजकुमारी” के नाम से भी जाना जाता है | इस जग़ह पर लोकप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में इसका एक लंबा इतिहास रहा है। यह भारत में सबसे प्रसिद्ध हनीमून स्थलों में यह जग़ह भी शामिल है। best places to kodaikanal कोडाई शहर अपनी सुंदर पहाड़ियों, झीलों साथ ठंडे मौसम की सुखद मनमोहक दृश्य के लिए प्रसिद्ध है। कोडईकनाल में जाते ही | आप तापमान में गिरावट और प्राकृतिक सुंदरता में वृद्धि को महसूस करेंगे।
कोडाईकनाल झील (Kodaikanal Lake)
तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले के कोडाईकनाल शहर में कोडाइकनाल झील स्थित है। जो एक मानव निर्मित झील है | कोडईकनाल झील को एक और नाम से जाना जाता हे | जिसे कोडाई झील कहते है। यह झील तारे के आकार की है | जो उत्तर-पश्चिमी पलानी हिल्स रेंज की हरी-भरी पहाड़ियों से चारो ओर से घिरी हुई है | यह झील समुद्र तल से लगभग 2285 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है | top 10 tourist places In tamilnadu in hindi
इसकी औसत गहराई लगभग 3.0 मीटर है। यह झील बस स्टैंड से 3 किमी की दूरी पर स्थित है। इस झील को ब्रिटिश और प्रारंभिक अमेरिकी मिशनरियों द्वारा विकसित की गई थी।
सबसे अच्छा समय कोडईकनाल घूमने के लिए | Best time to visit Kodaikanal lake in Hindi
कोडईकनाल घूमने का सही समय अक्टूबर से जून का होता है | हालांकि, यहाँ दिसंबर और जनवरी के दौरान मौसम थोड़ा ठंडा रहता है। लेकिन गर्मी के समय यह जग़ह एक दम सही है।
9. Santhome Cathedral Basilica | सैंथोम कैथेड्रल बेसिलिका
16वीं शताब्दी में पुर्तगाली व्यपारियों ने सेन थोम चर्च का निर्माण कराया था | पुर्तगाली ने जब भारत पर आक्रमण किया था। पुर्तगालियों ने इस चर्च को एक छोटे गिरजाघर के रूप में बनवाया था | history of santhome cathedral basilica लेकिन संन 1893 में अंग्रेजों ने इसका पुनर्निर्माण किया था | इसे एक कैथिडरल का दर्जा दे दिया। आज सेन थोम चर्च जिस रूप में है | इसे अंग्रजों ने बनवाया था। इसका नव् निर्माण को नियो-गौथिक शैली में बनवाया गया था |
19वीं शताब्दी में एक चर्चित ब्रिटिश वास्तुशिल्प था | जो ईसाई के पौराणिक कथाओं के अनुसार सेन थामस जीजस क्राइस्ट के 12 अनुयायियों थे। जो सीधे 52 ईस्वी के आसपास केरल समुद्र तट पर पहुंचे और 72 ईस्वी तक वहां रुके थे। 72 ईस्वी में उनका निधन एक चोटी पर हुआ था | top 10 tourist places In tamilnadu in hindi
जिसे आज सेंट थामस माउंट के नाम से बुलाया जाता है। आज के समय में सेन थोम गिरजाघर इस क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण चर्च है। जो एक रोमन कैथोलिक चर्च होने के कारण यह मद्रास-मलयापुर कैथोलिक आर्कडियोसिस के अंतर्गत आता है। यह स्थान भारत के ईसाई के लिए बहुत महत्व रखता है।
10.चिदंबरम नटराज मंदिर | Thillai Nataraja Temple, Chidambaram
भारत के तमिलनाडु राज्य के कुड्डालो जिला का चिदंबरम शहर मुख्य रूप से दो चीजों के लिए प्रसिद्ध है | thillai nataraja temple in hindi पहला थिलाई नटराज मंदिर और दूसरा अन्नामलाई विश्वविद्यालय के लिए । भगवान शिव के नृत्य रूप को नटराज कहते है। नटराज का अर्थ है नृत्य के राजा।
नटराज मंदिर ही एक मात्रा मंदिर है | जिसमे भगवान शिव नटराज के रूप में स्थापित है | shiv temple in tamilnadu नटराज मंदिर में भगवान शिव को आकाश लिंगम के रूप में पूजा की जाती है | इसलिए यहाँ कोई भौतिक शिव लिंग नहीं है।
भगवान शिवजी का यह मंदिर भारत में चिदंबरम नटराज मंदिर, नटराज मंदिर, थिल्लई नटराज मंदिर, शिव नटराज मंदिर और चोल का मंदिर चिदंबरम जैसे कई विभिन्न नामों से लोकप्रिय है। चिदंबरम शहर पुरानेकाल में थिलाई कहा जाता था। इसलिए यह भगवान शिवजी का नटराज मंदिर थिल्लई नटराज मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है। top 10 tourist places In tamilnadu in hindi
चिदंबरम नटराज मंदिर इतिहास और पौराणिक कथाएं | Chidambaram Nataraja Temple History and Mythology
पौराणिक कथाओं के अनुसार, राजा सिम्हा वर्मन ने नटराज मंदिर का निर्माण करवाया था। लेकिंन मंदिर के निर्माण की सही तारीख कहीं नहीं मिली | बताय जाता है | 9वीं से 10वीं शताब्दी के दौरान चोल राजाओं द्वारा उनके शासन काल (880-1279 सीई) के दौरान नटराज मंदिर के प्रमुख निर्माण पाए गए।
Entry Fee for Thillai Nataraja Temple | थिल्लई नटराज मंदिर के लिए प्रवेश शुल्क
थिल्लई नटराज मंदिर में प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं है।
मंदिर में, प्रवेश के बाद आपको वहाँ ‘पासथम’ नाम का विशेष प्रसाद प्राप्त कर सकते हैं | जिसके लिए आपको 100/- रुपये का देने होगा।
कैसे पहुंचे थिल्लई नटराज मंदिर | How to Reach Thillai Nataraja Temple
थिल्लई नटराज मंदिर आप बस से पहुँचा सकते हो | यह फिर चेन्नई आकर राज्य परिवहन की बस से मैं चिदंबरम जा सकते है। नटराज मंदिर से चिदंबरम बस स्टेशन 2 किमी दूर है | यदि आप चिदंबरम रेलवे स्टेशन आ रहे हो | तो मंदिर रेलवे स्टेशन से एक किमी दूर है। रेलवे स्टेशन से मंदिर तक जाने के लिए कई ऑटो और प्राइवेट टैक्सी आसानी से मिल जाती है। top 10 tourist places In tamilnadu